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    एक रात में हुई थी शाही परिवार के नौ लोगों की हत्या, दहल उठा था नेपाल; पढ़ें नरसंहार की खौफनाक कहानी

    Updated: Wed, 10 Sep 2025 10:50 PM (IST)

    पाल का एक ऐसा अतीत है जो इतिहास में दर्ज हो गया। यह कहानी है शाही परिवार को नरसंहार की। 2001 में हुए इस नरसंहार में शाही परिवार के नौ लोगों की हत्याएं हुईं थी। जेन जेड के विरोध के बीच केपी शर्मा ओली को नेपाल के प्रधानमंत्री पद से हटाए जाने के महीनों पहलेउन्होंने पूर्व राजा ज्ञानेंद्र पर राजशाही समर्थक विरोध प्रदर्शन में हिंसा भड़काने का आरोप लगाया था।

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    राजकुमार दीपेन्द्र (दाएं) द्वारा किये गए नरसंहार में नेपाल के शाही परिवार का सफाया हो गया (फोटो- एक्स)

     डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। आज नेपाल हिंसा की आग में सुलग रहा है। राजनीतिक संकट से जूझ रहे नेपाल में जेन-जी युवाओं के नेतृत्व में सोमवार को भड़का आंदोलन मंगलवार को और उग्र हो गया। नेपाल में राजनीतिक संकट और विरोध प्रदर्शनों के बाद 2008 में राजशाही समाप्त कर दी गई थी। राजपरिवार का आज भी नेपाल की सरकारों में दखल रहता है।

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    एक रात में हुईं थी नौ हत्याएं

    वहीं, नेपाल का एक ऐसा अतीत है जो इतिहास में दर्ज हो गया। यह कहानी है शाही परिवार को नरसंहार की। 2001 में हुए इस नरसंहार में शाही परिवार के नौ लोगों की हत्याएं हुईं थी।

    2001 में, बीरेंद्र बीर बिक्रम शाह देव नेपाल के राजा थे। हार्वर्ड विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र, जिन्होंने संयोग से पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग के एक स्कूल में पढ़ाई की थी, नेपाली जनता द्वारा उनके विकास कार्यों और सामाजिक सुधारों के लिए प्रिय थे।

    राज बीरेंद्र के थे तीन बच्चे

    राजा बीरेंद्र ने 1970 में एक भव्य समारोह में रानी ऐश्वर्या राज्य लक्ष्मी देवी शाह से विवाह किया। शाही जोड़े के तीन बच्चे हुए - युवराज दीपेंद्र, राजकुमारी श्रुति और राजकुमार निरंजन।

    1 जून 2001 को, शाही परिवार काठमांडू के नारायणहिती पैलेस, जो अब एक संग्रहालय है, उसमें इकट्ठा हुआ था। टाइम की एक रिपोर्ट के अनुसार, जिसमें समारोह में मौजूद शाही सदस्यों के हवाले से बताया गया था कि पार्टी शुरू होते ही राजा बीरेंद्र के बेटे दीपेंद्र (29) को देखा गया और वह काफी नशे में थे, शायद ड्रग्स के नशे में।

    पिता से इस बात से नाराज थे राजकुमार

    बताया जाता है कि वे अपने माता-पिता से विवाह को लेकर नाराज थे। दीपेन्द्र एक साधारण परिवार की लड़की, देवयानी राणा से शादी करना चाहते थे, लेकिन शाही परिवार इसके खिलाफ था। इस विवाद ने युवराज और परिवार के बीच तनाव पैदा कर दिया था।

    वे एक दो ड्रिंक लेकर पार्टी से चले गए, लेकिन बाद में वापस लौट आए। इस बार, उन्होंने कमांडो की वर्दी पहनी हुई थी और उनके पास दो असॉल्ट राइफलें थीं। क्राउन प्रिंस के चाचा रवि शमशेर राणा ने टाइम को बताया कि दीपेंद्र ने बस अपने पिता की तरफ देखा, कुछ नहीं कहा और एक बार ट्रिगर दबा दिया।

    उन्होंने आगे कहा कि गोली चलने के बाद राजा कुछ सेकंड वहीं खड़े रहे, और फिर धीरे से जमीन पर बैठ गए। लगभग इसी समय राजा ने आखिरकार कहा कि के गार्डेको? (तुमने क्या किया है?)।

    नौ लोगों को मारी गोली

    इसके बाद दीपेंद्र ने अपनी मां, रानी ऐश्वर्या, भाई-बहन श्रुति और निरंजन, और पांच अन्य रिश्तेदारों की हत्या कर दी। बाद में युवराज के सिर पर गोली लगी हुई मिली, संभवतः आत्मघाती हमले के कारण।

    दीपेंद्र कोमा में चले गए, जिसके दौरान उन्हें राजा का ताज पहनाया गया और 4 जून 2001 को उनकी मृत्यु हो गई। दीपेंद्र के चाचा ज्ञानेंद्र गद्दी पर बैठे और राजशाही के समाप्त होने तक राजा बने रहे।