अमेरिका के अधर में छोड़ने के बाद यूएन ने उठाया ये कदम, UN महासचिव ने 'यूएन 80 पहल' की घोषणा की
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरस ने यूएन 80 पहल की घोषणा की है जिसका उद्देश्य संयुक्त राष्ट्र की कार्यप्रणाली में दक्षता और सुधार लाना है। उन्होंने कहा कि दुनिया में अनिश्चितता और संकट के समय में यह जरूरी है कि संयुक्त राष्ट्र अपनी दक्षता का पुनः मूल्यांकन करे। साथ ही ट्रंप प्रशासन ने कुछ संयुक्त राष्ट्र संगठनों को धन देने से मना कर दिया है।

संयुक्त राष्ट्र, प्रेट्र। संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरस ने अनिश्चितता के आलम और अप्रत्याशित परिस्थितियों के बीच अर्थाभाव के संकट और घटते संसाधन पर गंभीर चिंता जताई है। उन्होंने 80 साल पुराने संयुक्त राष्ट्र की दक्षता में सुधार लाने और इसे लागत अनुकूल बनाने के मकसद से 'यूएन 80 पहल' की घोषणा की है।
'यूएन 80 पहल' में संयुक्त राष्ट्र के काम करने के तरीके में दक्षता और सुधार को तेजी से पहचानने के क्षेत्रों से संबंधित प्रस्ताव होंगे। इस प्रस्ताव में सदस्य देशों द्वारा संयुक्त राष्ट्र को दिए गए जनादेशों के कार्यान्वयन की गहन समीक्षा, और संयुक्त राष्ट्र प्रणाली में गहरे एवं अधिक संरचनात्मक परिवर्तनों तथा कार्यक्रमों की रणनीतिक समीक्षा शामिल हैं।
आंतरिक टास्क फोर्स नियुक्त
गुटेरस ने बुधवार को इस पहल की घोषणा करते हुए कहा, ''हमारी दुनिया हर मोर्चे पर चुनौतियों का सामना कर रही है। चूंकि संयुक्त राष्ट्र अपने सभी पहलुओं में उस दुनिया को दर्शाता है, इसलिए हम अपने सभी कार्यों में इसे महसूस करते हैं। यह बहुत अनिश्चितता और अप्रत्याशित परिस्थितियों का समय है।''
गुटेरस ने अंडर-सेक्रेटरी-जनरल गाय राइडर के नेतृत्व में एक समर्पित आंतरिक टास्क फोर्स नियुक्त किया है। इस टास्क फोर्स में पूरी संयुक्त राष्ट्र प्रणाली का प्रतिनिधित्व करने वाले प्रमुख शामिल हैं। गुटेरस ने जोर देकर कहा कि संयुक्त राष्ट्र जैसे महत्वपूर्ण संगठन के लिए यह जरूरी है कि वह अपने लक्ष्यों को कुशलतापूर्वक पूरा करने के लिए अपनी उपयुक्तता का आकलन करने हेतु स्वयं की “कठोर और नियमित जांच'' करे। उन्होंने कहा, “संयुक्त राष्ट्र की यह 80वीं वर्षगांठ हमारे सभी प्रयासों का विस्तार करने का एक प्रमुख क्षण है जिसमें अत्यधिक तत्परता और महत्वाकांक्षा की आवश्यकता को पहचाना गया है।''
ट्रंप ने यूएन को फंड देने से कर दिया मना
गौरतलब है कि अपने दूसरे कार्यकाल में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने घोषणा की है कि अमेरिका संयुक्त राष्ट्र के कुछ विशेष संगठनों को धन देना बंद कर देगा। अमेरिका फलस्तीनी शरणार्थियों के लिए संयुक्त राष्ट्र राहत एवं कार्य एजेंसी (यूएनआरडब्ल्यूए) या संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (यूएनएचआरसी) को धन नहीं देगा। उन्होंने यह भी कहा है कि अमेरिका इन संगठनों के पिछले बकाया का भुगतान करने के किसी भी दावे को पूरा नहीं करेगा।
व्हाइट हाउस की ओर से यह भी कहा गया था कि ''द्वितीय विश्व युद्ध के बाद संयुक्त राष्ट्र की स्थापना में अमेरिका ने मदद की थी ताकि भविष्य में वैश्विक संघर्षों को रोका जा सके और अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा को बढ़ावा दिया जा सके। लेकिन, संयुक्त राष्ट्र की कुछ एजेंसियां और निकाय इस मिशन से भटक गए हैं और इसके बजाय अमेरिका के हितों के विपरीत काम कर रहे हैं। हमारे सहयोगियों पर हमला कर रहे हैं और यहूदी-विरोधी भावना का प्रचार कर रहे हैं।''
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