'UNSC में सुधार अब कोई विकल्प नहीं बल्कि...', IBSA मीटिंग में पीएम मोदी बताया किस बात की है जरूरत?
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सुधार अब अनिवार्य है। भारत, ब्राजील और दक्षिण अफ्रीका को वैश्विक संस्थानों में बदलाव का संदेश देना चाहिए। उन्होंने आईबीएसए देशों के बीच सुरक्षा सहयोग बढ़ाने का प्रस्ताव रखा। मोदी ने आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में दोहरे मापदंड से बचने की बात कही और डिजिटल इनोवेशन गठबंधन का सुझाव दिया। उन्होंने जलवायु अनुकूल कृषि के लिए आईबीएसए फंड का भी प्रस्ताव रखा।

आईबीएसए मीटिंग में पीएम मोदी।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को कहा कि यूएन सिक्योरिटी काउंसिल में सुधार अब कोई विकल्प नहीं, बल्कि जरूरत है और उन्होंने जोर दिया कि भारत-ब्राजील-साउथ अफ्रीका की तिकड़ी को वैश्विक शासन के संस्थानों में बदलाव के लिए एक साफ संदेश भेजना चाहिए।
भारत-ब्राजील-साउथ अफ्रीका (IBSA) लीडर्स समिट को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि ऐसे समय में जब दुनिया बिखरी हुई और बंटी हुई लग रही है, आईबीएसए एकता, सहयोग और मानवता का संदेश दे सकता है। उन्होंने तीनों देशों के बीच सुरक्षा सहयोग को मजबूत करने के लिए आईबीएसए एनएसए-लेवल मीटिंग को संस्थागत बनाने का भी प्रस्ताव रखा।
'नहीं है दोहरे मापदंड की जगह'
पीएम मोदी ने दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा और ब्राजील के राष्ट्रपति लुइज इनासियो लूला डा सिल्वा की मौजूदगी में हुई मीटिंग में कहा, “आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में हमें करीबी तालमेल के साथ आगे बढ़ना होगा। इतने गंभीर मुद्दे पर किसी भी तरह के दोहरे मापदंड की कोई जगह नहीं है।”
पीएम मोदी ने रखा यह प्रस्ताव
इंसानी विकास को पक्का करने में टेक्नोलॉजी की अहम भूमिका पर जोर देते हुए, प्रधानमंत्री ने तीनों देशों के बीच यूपीआई जैसे डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर, CoWIN जैसे हेल्थ प्लेटफॉर्म, साइबर सिक्योरिटी फ्रेमवर्क और महिलाओं के नेतृत्व वाली टेक पहल को शेयर करने में मदद के लिए आईबीएसए डिजिटल इनोवेशन गठबंधन बनाने का भी प्रस्ताव रखा।
शिक्षा, स्वास्थ्य, महिला सशक्तिकरण और सोलर एनर्जी जैसे सेक्टर में 40 देशों में प्रोजेक्ट्स को सपोर्ट करने में आईबीएसए फंड के काम की तारीफ करते हुए, उन्होंने साउथ-साउथ सहयोग को और आगे बढ़ाने के लिए जलवायु प्रतिरोधी कृषि के लिए आईबीएसए फंड का प्रस्ताव रखा।
पीएम मोदी ने आईबीएसए मीटिंग को सही समय पर बताया क्योंकि यह अफ्रीका की धरती पर पहले जी20 समिट के साथ हुई और ग्लोबल साउथ देशों द्वारा लगातार चार जी20 अध्यक्षता का अंत हुआ, जिनमें से आखिरी तीन आईबीएसए सदस्यों ने की।
पीएम मोदी ने दिया भारत आने का न्योता
प्रधानमंत्री ने कहा कि आईबीएसए सिर्फ तीन देशों का ग्रुप नहीं है बल्कि तीन महाद्वीप, तीन बड़े लोकतांत्रिक देशों और तीन बड़ी अर्थव्यवस्था को जोड़ने वाला एक जरूरी मंच है। मोदी ने आईबीएसए नेताओं को अगले साल भारत में होने वाले एआई इम्पैक्ट समिट में भी बुलाया।

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