म्यांमार में पांच साल बाद कल होगा मतदान, सवालों के घेरे में म्यांमार की लोकतांत्रिक कवायद
म्यांमार में पांच साल बाद चुनाव प्रक्रिया शुरू हो रही है, जिसे सैन्य शासन को वैधता देने का प्रयास माना जा रहा है। 2021 में सेना ने आंग सान सू ची की सर ...और पढ़ें

म्यांमार में शुरू हो रही चुनावी प्रक्रिया।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। म्यांमार में पांच वर्षों बाद आम चुनाव की प्रक्रिया रविवार से शुरू हो रही है, लेकिन इसे लोकतंत्र की वापसी से ज्यादा सैन्य शासन को वैधता देने की कोशिश माना जा रहा है।
यह चुनाव तीन चरणों में होंगे 28 दिसंबर, 11 जनवरी और 25 जनवरी, जिनमें कुल 330 में से 265 टाउनशिप्स में ही मतदान होगा। शेष क्षेत्रों में गृहयुद्ध और विद्रोही गतिविधियों के कारण वोटिंग नहीं हो पाएगी।
गृहयुद्ध में झोंकने वाली सेना करा रही चुनाव
गौरतलब है कि सेना ने एक फरवरी 2021 को आंग सान सू ची की निर्वाचित सरकार को हटाकर सत्ता पर कब्जा किया था, जिसके बाद देश गृहयुद्ध में झोंक दिया गया। अब वही सेना इन चुनावों का संचालन कर रही है, जिसे मानवाधिकार संगठनों और विपक्ष ने न तो स्वतंत्र, न निष्पक्ष करार दिया है।
25 प्रतिशत सीटें सेना के लिए आरक्षित
आलोचकों का कहना है कि सत्ता वास्तविक रूप से सेना प्रमुख मिन आंग ह्लाइंग के हाथों में ही रहेगी।करीब 5,000 उम्मीदवार, 57 दलों से, 1,100 से अधिक सीटों के लिए मैदान में हैं, लेकिन केवल 6 पार्टियां ही राष्ट्रीय स्तर पर लड़ रही हैं।
सैन्य समर्थित यूनियन सालिडैरिटी एंड डेवलपमेंट पार्टी (यूएसडीपी) के सत्ता में आने की पूरी संभावना जताई जा रही है। 2008 के संविधान के तहत संसद की 25 प्रतिशत सीटें सेना के लिए आरक्षित हैं, जिससे सेना का दबदबा तय माना जा रहा है।

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