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    तहरीक-ए-लब्बैक प्रमुख के बाद अब पाकिस्‍तान ने 54 टीएलपी सदस्‍यों के नाम आतंकी सूची से हटाए

    By Krishna Bihari SinghEdited By:
    Updated: Fri, 12 Nov 2021 04:16 PM (IST)

    तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान के मुखिया साद रिजवी का नाम आतंकियों की सूची से हटाए जाने के बाद अब पंजाब के गृह विभाग ने टीएलपी के 54 सदस्यों के नाम भी रावलपिंडी डिवीजन में आतंकवाद विरोधी अधिनियम 1997 की चौथी अनुसूची से हटा दिए हैं।

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    पंजाब के गृह विभाग ने टीएलपी के 54 सदस्यों के नाम भी आतंकी सूची से हटा दिए हैं।

    रावलपिंडी, एएनआइ। पाकिस्तान की पंजाब सरकार की ओर से कट्टरपंथी संगठन तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान (Tehreek-i-Labbaik Pakistan, TLP) के मुखिया साद रिजवी का नाम आतंकियों की सूची से हटाए जाने के बाद अब पंजाब के गृह विभाग ने टीएलपी के 54 सदस्यों के नाम भी रावलपिंडी डिवीजन में आतंकवाद विरोधी अधिनियम 1997 की चौथी अनुसूची से हटा दिए हैं। पाकिस्‍तानी अखबार डान ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि इन आतंकियों में से 28 रावलपिंडी जिले के, 14 चकवाल के, 11 अटोक के थे।

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    मालूम हो कि पाक की पंजाब सरकार ने बुधवार को कट्टरपंथी टीएलपी के मुखिया साद रिजवी का नाम आतंकियों की सूची से हटा दिया था। रिजवी को अप्रैल में गिरफ्तार किया गया था। जल्द ही उसकी कोट लखपत जेल से रिहाई की जाएगी। टीएलपी समर्थकों ने हिंसक विरोध प्रदर्शनों के दौरान रिजवी की रिहाई की मांग की थी। बाद में बढ़ते हिंसक प्रदर्शनों से डरी इमरान सरकार ने सैकड़ों लोगों की मौत के लिए जिम्मेदार प्रतिबंधित संगठन से गुप्त समझौता कर लिया था।

    इसी समझौते के तहत टीएलपी सदस्‍यों के नामों को आतंकी सूची से हटाया जा रहा है। आतंकवाद रोधी अधिनियम 1997 के अनुसार जिन आतंकियों के नामों को चौथी अनुसूची में रखा गया है वे अपने स्थायी निवास को छोड़ने और लौटने से पहले पुलिस को सूचित करने के लिए बाध्य हैं। इस निगरानी सूची में रखा गया कोई भी शख्‍स देश नहीं छोड़ सकता है क्‍योंकि उसका नाम निकास नियंत्रण सूची (ईसीएल) में भी दर्ज कर लिया जाता है। इस साल अप्रैल में फ्रांस विरोधी प्रदर्शनों के बाद सरकार ने टीएलपी पर प्रतिबंध लगा दिया गया था।

    टीएलपी समर्थक पैगंबर मुहम्मद के कैरिकेचर को लेकर फ्रांस के खिलाफ प्रदर्शन करने सड़कों पर उतरे थे। सूत्रों का कहना है कि रिजवी पर आतंकवाद, हत्या, हत्या के प्रयास, लोगों को भड़काने और अन्य जघन्य अपराधों के 100 से ज्यादा मामले दर्ज हैं। हाल के दिनों में टीएलपी के हिंसक प्रदर्शनों में दर्जनों पुलिसकर्मी मारे गए थे। फि‍लहाल सरकार ने किस आधार पर टीएलपी के सदस्‍यों के नामों को आतंकी सूची से हटाया है यह बात स्पष्ट नहीं हो पाई है। मालूम हो कि अब तक टीएलपी के दो हजार से ज्यादा कार्यकर्ताओं को जेल से रिहा किया गया है।