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    Pakistan: भारत से करारी हार का इनाम! आसिम मुनीर का प्रमोशन; बनाया गया पाकिस्तान का दूसरा फील्ड मार्शल

    Updated: Tue, 20 May 2025 08:48 PM (IST)

    पाकिस्तान के आर्मी चीफ जनरल आसिम मुनीर को फील्ड मार्शल के पद पर पदोन्नत किया गया है। प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की अध्यक्षता में संघीय कैबिनेट की बैठक में यह निर्णय लिया गया। डॉन अखबार के अनुसार आसिम मुनीर को ऑपरेशन बनयान-उम-मर्सूस के दौरान बेहतरीन रणनीति के कारण यह प्रमोशन मिला है। इससे पहले जनरल अयूब खान ने खुद को फील्ड मार्शल की उपाधि दी थी।

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    पाक ने सरकार ने “ऑपरेशन बनयान-उम-मर्सूस” के दौरान कथित 'बेहतरीन रणनीति' के वजह से आसिम मुनीर को प्रमोशन दिया है।

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पाकिस्तान के आर्मी चीफ जनरल आसिम मुनीर (Asim Munir Promotion) को फील्ड मार्शल के पद पर पदोन्नत किया गया है। पाक प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की अध्यक्षता में संघीय कैबिनेट की बैठक में यह निर्णय लिया गया।

    पाकिस्तान अखबार डॉन के मुताबिक, पाक ने सरकार ने “ऑपरेशन बनयान-उम-मर्सूस” के दौरान कथित 'बेहतरीन रणनीति' के वजह से आसिम मुनीर को प्रमोशन दिया है। इससे पहले पाकिस्तानी जनरल अयूब खान ने 1960 के दशक में खुद को ही फील्ड मार्शल (Pakistan Army Field Marshal) की उपाधि दे दी थी।

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    मुनीर का भड़काऊ भाषण

    जनरल असीम मुनीर के भड़काऊ भाषण को पहलगाम आतंकी हमले के लिए ट्रिगर माना जाता है। इस हमले में 26 लोगों की मौत हो गई थी। इस आतंकी हमले को प्रतिबंधित लश्कर-ए-तैयबा की शाखा द रेजिस्टेंस फ्रंट ने अंजाम दिया था। इसके बाद भारत ने आतंकवाद के खिलाफ सैन्य कार्रवाई की, जिसे ऑपरेशन सिंदूर नाम दिया गया। भारत ने सटीक मिसाइल हमलों से पाकिस्तान में मौजूद आतंकी शिविरों को नष्ट कर दिया।

    पराजय के बाद पदोन्नति

    आतंकवाद के खिलाफ भारत की इस कार्रवाई को पकिस्तान ने युद्ध समझ लिया है। क्योंकि अक्सर किसी भी युद्ध के बाद सेना प्रमुख की पदोन्नति की जाती है। लेकिन पाकिस्तान ने बिना युद्ध के ही असीम मुनीर को प्रमोशन दे दिया। आतंकवाद के खिलाफ भारत की कार्रवाई के खिलाफ पाकिस्तान ने तीन रातों तक भारत पर ड्रोन से हमले किया, हालांकि, भारतीय सेना ने उनके सभी हमलों को विफल कर दिया था।

    भारत की जवाबी कार्रवाई

    इसके जवाब में भारत ने 12 पाकिस्तानी हवाई ठिकानों पर कैलिब्रेटेड मिसाइल और ड्रोन से हमला किया, जिसके बाद पाकिस्तान के सैन्य बुनियादी ढांचे और संपत्तियों पर व्यापक तबाही हुई। इसके बाद पाकिस्तान के DGMO ने अपने भारतीय समकक्ष को फोन किया और युद्धविराम के लिए अनुरोध किया।

    पाकिस्तान के झूट की पोल

    दोनों देशों के बीच हुए सीजफायर के बाद पाकिस्तान ने गलत वीडियो और झूठे दावों के साथ बड़े पैमाने पर गलत जानकारी लोगों को दी। इसके बाद भारत ने सबूतों के साथ पाकिस्तान के झूठ की पोल खोल दी। पाकिस्तानी सेना की हार के बावजूद, जनरल असीम मुनीर को इन अजीबोगरीब और अपमानजनक दावों के आधार पर 'फील्ड मार्शल' नियुक्त किया गया है।

    आजीवन सेना प्रमुख?

    1947 में पाकिस्तान के निर्माण के बाद से देश ने केवल एक बार फील्ड मार्शल का पांच सितारा रैंक दिया है जनरल अयूब खान को, जिन्होंने 1965 में खुद को पदोन्नत किया था। असीम मुनीर को पाकिस्तान का दूसरा फील्ड मार्शल बनाया गया।

    फील्ड मार्शल का पद एक औपचारिक पद है। पदोन्नति के बाद भी असीम मुनीर सेना प्रमुख बने रहेंगे। हालांकि यह स्पष्ट नहीं है कि क्या पदोन्नति का मतलब यह होगा कि असीम मुनीर की कोई सेवानिवृत्ति आयु नहीं होगी।

    असीम मुनीर नवंबर 2022 में पाकिस्तान के सेना प्रमुख बने। एक साल बाद एक संसदीय कानूनी संशोधन ने सेना प्रमुख की भूमिका के लिए सामान्य तीन वर्षों से उनका कार्यकाल बढ़ाकर पांच वर्ष कर दिया गया था।

    कौन है आसिम मुनीर? 

    देश के बंटवारे के बाद मुनीर के पिता जालंधर से रावलपिंडी चले गए थे। साधारण परिवार में जन्मे मुनीर के पिता एक स्कूल के प्रिंसिपल और स्थानीय मस्जिद के इमाम थे। मुनीर ने शुरुआती पढ़ाई रावलपिंडी के इस्लामिक मदरसे दार-उल-तजवीद में की। उसके मन में बचपन से ही धार्मिक कट्टरता की भावना पैदा हो गई।

    इसके बाद साल 1986 में उसने मंगला के ऑफिसर्स ट्रेनिंग स्कूल से ग्रेजुएशन किया। मुनीर को फिर Frontier Force Regiment की 23वीं बटालियन में कमीशन मिला। उसने 25 अप्रैल 1986 को अपना सैन्य करियर शुरू किया था।

    लेफ्टिनेंट कर्नल के रूप में मुनीर ने सियाचिन ग्लेशियर में भी सर्विस दी है। ब्रिगेडियर रहते हुए उसने पाकिस्तान की आई स्ट्राइक कोर मंगला के चीफ ऑफ स्टाफ के रूप में काम किया। वो पाकिस्तान के इतिहास में एकमात्र सेना प्रमुख है, जिसने पाकिस्तान की दोनों प्रमुख सैन्य खुफिया एजेंसियों, ISI और मिलिट्री इंटेलिजेंस के प्रमुख के रूप में काम किया है ।

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