Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    इमरान ने तहरीक-ए-लब्‍बैक के आगे टेके घुटने, लंबी बातचीत के बाद किया समझौता, साद रिजवी ने लगाई मुहर

    By Krishna Bihari SinghEdited By:
    Updated: Sun, 31 Oct 2021 08:09 PM (IST)

    इमरान सरकार और प्रतिबंधित तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान (टीएलपी) लंबी बातचीत के बाद एक समझौते पर पहुंच गए हैं। प्रधानमंत्री इमरान खान की ओर से नियुक्त किए गए वार्ता दल ने रविवार को इस समझौते का एलान किया। पढ़ें यह रिपोर्ट...

    Hero Image
    पाकिस्‍तान की इमरान खान सरकार ने प्रतिबंधित तहरीक-ए-लब्बैक (Tehreek-e-Labbaik Pakistan, TLP) के उपद्रवियों के आगे घुटने टेक दिए हैं।

    इस्‍लामाबाद, पीटीआइ। पाकिस्‍तान की इमरान खान सरकार ने प्रतिबंधित तहरीक-ए-लब्बैक (Tehreek-e-Labbaik Pakistan, TLP) के उपद्रवियों के आगे घुटने टेक दिए हैं। समाचार एजेंसी पीटीआइ के मुताबिक इमरान सरकार और प्रतिबंधित तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान (टीएलपी) लंबी बातचीत के बाद एक समझौते पर पहुंच गए हैं। प्रधानमंत्री इमरान खान की ओर से नियुक्त किए गए वार्ता दल ने रविवार को इस समझौते का एलान किया। गौर करने वाली बात यह भी है कि टीएलपी और इमरान सरकार के बीच किन बिंदुओं पर समझौता हुआ है इस बारे में कोई जानकारी सार्वजनिक नहीं की गई है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    मालूम हो कि इमरान सरकार ने घोषणा की थी कि वह फ्रांसीसी दूत के निकालने की टीएलपी कार्यकर्ताओं की मांग को पूरा नहीं कर सकती है। इसके बाद टीएलपी ने अपने समर्थकों से इस्‍लामाबाद की ओर कूंच करने का फरमान सुनाया था। इसके बाद हजारों सदस्यों ने 15 अक्टूबर को लाहौर से इस्लामाबाद की ओर तब मार्च करना शुरू कर दिया था। पाकिस्‍तान सरकार ने टीएलपी समर्थकों को रोकने के लिए सड़कों पर बड़े बड़े कंटेनर लगाए थे। साथ ही बड़ी संख्‍या में सुरक्षा बलों की तैनाती कर दी थी। मार्च के दौरान हुई हिंसक झड़पों में कई पुलिसकर्मी मारे भी गए थे।

    बवाल बढ़ता देख और पाकिस्‍तान में लगातार हो रहे हिंसक प्रदर्शनों को देखते हुए प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) ने शनिवार को प्रभावशाली मौलवियों के एक समूह को तहरीक-ए-लब्बैक (Tehreek-e-Labbaik Pakistan, TLP) के साथ बातचीत करने का काम सौंपा था। रिपोर्ट के मुताबिक समझौते की घोषणा संवाददाता सम्मेलन में की गई जिसमें विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी, धार्मिक विद्वान मुफ्ती मुनीबुर रहमान, नेशनल असेंबली के अध्यक्ष असद कैसर, संसदीय कार्य मंत्री अली मोहम्मद खान, टीएलपी सदस्य मुफ्ती गुलाम अब्बास फैजी और मुफ्ती मोहम्मद अमीर शामिल थे।

    पाकिस्‍तानी अखबार डान ने सरकार की ओर से वार्ता की अगुवाई करने वाले मुफ्ती मुनीब के हवाले से कहा है कि इमरान सरकार और टीएलपी के बीच लंबी और सौहार्दपूर्ण बातचीत के बाद समझौता हो गया है। गौर करने वाली बात यह है कि उन्‍होंने समझौते का कोई ब्‍यौरा नहीं दिया है। उन्‍होंने कहा कि समझौते के बारे में विस्‍तृत जानकारी उचित समय पर साझा की जाएगी। मुनीब ने कहा कि यह समझौता किसी की जीत नहीं है। उन्‍होंने यह भी दावा किया कि समझौते का टीएलपी प्रमुख साद रिजवी ने समर्थन किया है। सनद रहे कि टीएलपी ने फ्रांस के राजदूत के निष्‍कासन की मांग की थी।

    यह भी पढ़ें- टीएलपी के हिंसक प्रदर्शनों के चलते पाकिस्‍तानी अर्थव्यवस्था को 35 अरब रुपये का नुकसान