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    अफगानिस्तान और TTP से निपटने के लिए पाकिस्तान ने अमेरिका का लिया सहारा

    Updated: Thu, 30 Oct 2025 11:55 PM (IST)

    पाकिस्तान ने हाल ही में स्वीकार किया कि उसने अमेरिका को अपने क्षेत्र से अफगानिस्तान में ड्रोन हमले करने की अनुमति दी थी। यह निर्णय तालिबान के साथ शांति वार्ता के दौरान लिया गया था। इन हमलों का उद्देश्य सीमा पार आतंकवाद को कम करना था, लेकिन टीटीपी के हमलों में तेजी आई है, जिससे नागरिकों पर हिंसा का खतरा बढ़ गया है। सरकार जनता को सुरक्षा का भरोसा दिलाने में नाकाम रही है।

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    पाकिस्तान ने US ड्रोन हमलों की अनुमति दी

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पाकिस्तान ने हाल ही में एक सनसनीखेज खुलासा किया है. जिसके तहत उसने स्वीकार किया कि उसने अमेरिका को अपने क्षेत्र से अफगानिस्तान में ड्रोन हमले करने की अनुमति दी थी। पाकिस्तान ने यह स्वीकारोक्ति इस्तांबुल में तालिबान के साथ शांति वार्ता के दौरान कही. यह कदम तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) और अफगानिस्तान को नियंत्रित करने की रणनीति का हिस्सा था।

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    पाकिस्तान ने स्वीकारी बात 

    पाकिस्तान ने चुपके से अमेरिकी ड्रोन अभियानों को अनुमति दी, ताकि अफगानिस्तान से लगी सीमा पर उग्रवादी ठिकानों को कमजोर किया जा सके। इन हमलों ने प्रमुख तालिबानी आतंकवादी नेताओं को निशाना बनाया. इन हमलों के बाद सीमा पार आतंकवादी गतिविधियों में कमी आई। पाकिस्तानी सेना और खुफिया एजेंसियों ने अमेरिका के साथ मिलकर खुफिया जानकारी साझा की।

    पाकिस्तान के लिए बढ़ता खतरा

    तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) एक पश्तून आतंकवादी संगठन है, जो पाकिस्तानी शासन का कट्टर विरोधी है। यह समूह देश में नियमित हमले करता है. इस संगठन से पाकिस्तान में आंतरिक अस्थिरता और सांप्रदायिक हिंसा बढ़ रही है। पाकिस्तानी सेना ने टीटीपी को दबाने के लिए कई सैन्य अभियान चलाए हैं. लेकिन सीमा पार सफलता नहीं मिल पाई. अमेरिकी ड्रोन हमलों और खुफिया सहायता ने टीटीपी की परिचालन क्षमता को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

    आतंकवादी घटनाओं में तेजी 

    पिछले कुछ महीनों में टीटीपी के हमलों में तेजी आई है। आत्मघाती बम विस्फोट, सैन्य काफिलों पर घात और सुरक्षाकर्मियों की हत्याएं बढ़ गई हैं। ये हमले अब केवल खैबर पख्तूनख्वा और बलूचिस्तान तक सीमित नहीं हैं, बल्कि पेशावर और कराची जैसे शहरी क्षेत्रों में भी हो रहे हैं। इन हमलों ने पाकिस्तान की आंतरिक सुरक्षा को गंभीर रूप से प्रभावित किया है।

    आम नागरिकों पर पड़ रहा असर 

    आतंकवादी हमलों का सबसे ज्यादा असर आम नागरिकों पर पड़ रहा है। स्कूल, बाजार और सार्वजनिक स्थल निशाने पर हैं, जिससे भय और विस्थापन बढ़ रहा है। लगातार हमलों और सरकारी नियंत्रण की कमजोरी के कारण जनता का विश्वास डगमगा रहा है। सरकार के प्रयास जनता को सुरक्षा का भरोसा दिलाने में नाकाम रहे हैं।