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    रोजी-रोजी के संकट से जूझ रहे पाकिस्तानी, 3 साल में 29 लाख लोगों ने किया पलायन

    Updated: Wed, 17 Sep 2025 11:30 PM (IST)

    पाकिस्तान में आर्थिक संकट और निराशा के चलते पलायन बढ़ रहा है। तीन सालों में लगभग 29 लाख नागरिक दूसरे देशों में चले गए हैं। कम वेतन और सुविधाओं की कमी के कारण लोग बेहतर भविष्य की तलाश में विदेश जा रहे हैं। इनमें कुशल और अकुशल कामगार दोनों शामिल हैं। एक आकलन के अनुसार 40% पाकिस्तानी देश छोड़ना चाहते हैं जिससे पाकिस्तान में ब्रेन ड्रेन का खतरा बढ़ गया।

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    3 साल में 29 लाख लोगों ने किया पलायन (फाइल)

    जागरण न्यूज नेटवर्क, नई दिल्ली: पाकिस्तान की सरकार और सैन्य नेतृत्व की ओर से भले ही अर्थव्यवस्था में सुधार के दावे किए जा रहे हों लेकिन देश की अवाम को इन दावों पर भरोसा नहीं है। यही वजह है कि पाकिस्तान से दूसरे देशों में पलायन तेज हो रहा और पिछले तीन वर्षों के दौरान करीब 29 लाख नागरिक दूसरे देशों में गए हैं।

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    कम वेतन, सुविधाओं की किल्लत और निजी क्षेत्र में शिक्षा की ऊंची लागत की वजह से लोग पाकिस्तान के बाहर अपना भविष्य तलाश रहे हैं। यही नहीं इसके लिए नागरिक मोटी रकम चुकाने से भी परहेज नहीं कर रहे हैं।

    रोजी-रोजी के संकट से जूझ रहे पाकिस्तानी

    पाकिस्तान से दूसरे देश जाने वाले नागरिकों ने आव्रजन शुल्क के तौर पर 2.66 अरब रुपये चुकाए हैं। अकुशल के साथ प्रोफेशनल भी छोड़ रहे देश द एक्सप्रेस ट्रिब्यून के अनुसार पलायन सिर्फ अकुशल कामगारों तक सीमित नहीं है। इसमें डाक्टर, इंजीनियर, आइटी विशेषज्ञ, शिक्षक, बैंकर, अकाउंटेंट, आडिटर, डिजाइनर, आर्किटेक्ट जैसे प्रोफेशनल भी शामिल हैं। इसके अलावा ड्राइवर, प्लंबर, वेल्डर और दूसरे कुशल कामगार भी बेहतर भविष्य की तलाश में दूसरे देशों का रुख कर रहे हैं।

    करीब 40% पाकिस्तानी  छोड़ना चाहते हैं देश

    खास बात यह है कि दूसरे देशों में पलायन करने वालों में काफी संख्या महिलाओं की है। देश छोड़ना चाहते हैं 40 प्रतिशत पाकिस्तानी डेनमार्क के विदेश मंत्रालय और इंटरनेशनल आर्गनाइजेशन फार माइग्रेशन (आइओएम) के संयुक्त आकलन में पाया गया है कि करीब 40 प्रतिशत पाकिस्तानी देश छोड़ना चाहते हैं। इससे पता चलता है कि महंगाई, बेरोजगारी और राजनीतिक परिदृश्य में अशांति की वजह से लोगों में निराशा बढ़ रही है। अपना रहे हैं गैर कानूनी तरीके बढ़ते अवैध प्रवासन ने हालात को और जटिल बना दिया है।

    शहरी क्षेत्रों हो रहा पलायन

    2022 के पहले पहले 10 महीनों के दौरान यूरोप में अवैध तरीके से प्रवेश करने के मामलों में 280 प्रतिशत इजाफा हुआ है। 2023 के अंत तक करीब 8,800 पाकिस्तानी नागरिकों ने खतरनाक तरीके से यूरोप में प्रवेश किया है। बहुत से लोग बेहतर अवसरों के लिए अपनी जान जोखिम में डालते हुए दुबई, मिस्त्र और लीबिया होते हुए यूरोप में घुसे। बलूचिस्तान, पीओजेके और गिलगिट-बाल्टिस्तान के शहरी केंद्रों में पलायन की भावना सबसे अधिक मजबूत है। यहां पर आर्थिक चुनौतियां ज्यादा गंभीर हैं।

    लड़खड़ाती अर्थव्यवस्था को झटका विशेषज्ञों ने पाकिस्तान में पलायन के जोर पकड़ते ट्रेंड को लेकर कहा है कि पिछले दो वर्षों के दौरान हुए अनियमित और असुरक्षित पलायन से पला चलता है कि लोग नाउम्मीद हो रहे हैं। पाकिस्तान संभावित ब्रेन ड्रेन संकट का सामना कर रहा है और अहम प्रतिभाओं और कामगारों का देश छोड़ना पहले से लड़खड़ाती अर्थव्यवस्था के लिए एक और झटका है। ये प्रतिभाएं देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत बना सकती थीं।

    पाकिस्तान से पलायन

             राज्य        संख्या

    • पंजाब-  72,45,052
    • खैबर पख्तूनवा- 35,75,954
    • सिंध- 12,81,495
    • पीओजेके- 8,13,526
    • बलूचिस्तान- 8,13,526
    • उत्तरी क्षेत्र- 30,776
    • कुल- 1,13,85,816

    नोट: आंकड़े 1981 से अगस्त 2025 तक के हैं।

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