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    मौसम विभाग ने पाकिस्तान में जारी किया रेड अलर्ट, फ्लैश फ्लड और भूस्खलन की चेतावनी

    पाकिस्तान में बारिश से भारी तबाही हुई है जिसमें 788 से ज्यादा लोगों की जान गई है। खैबर पख्तूनख्वा और पंजाब प्रांत सबसे अधिक प्रभावित हैं। गिलगित-बाल्टिस्तान में ग्लेशियर फटने से भूस्खलन और बाढ़ आई है जिससे भारी नुकसान हुआ है। राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) ने 30 अगस्त तक भारी बारिश और भूस्खलन की चेतावनी जारी की है।

    By Digital Desk Edited By: Prince Gourh Updated: Sat, 23 Aug 2025 10:15 PM (IST)
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    पाकिस्तान में बारिश का कहर 788 से ज्यादा लोगों की मौत (फोटो सोर्स- रॉयटर्स)

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पाकिस्तान में बारिश ने तबाही मचा रखी है। अबतक 788 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है और 1,018 लोग घायल हुए है। बुनेर और स्वात में बाढ़ से हुई तबाही के बाद 60 प्रतिशत परिवारों की आजीविका छिन गई है।

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    गिलगित-बाल्टिस्तान में ग्लेशियर फटने से भूस्खलन और भीषण बाढ़ के कारण 300 घर और दर्जनों दुकानें नष्ट हो गई हैं। इस बीच, राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) ने शनिवार को पाकिस्तान के कई इलाकों में 30 अगस्त तक भारी मानसूनी बारिश और भूस्खलन की रेड अलर्ट चेतावनी जारी की है।

    कौन-सा इलाका हुआ सबसे ज्यादा प्रभावित

    भारी बारिश के कारण खैबर पख्तूनख्वा और पंजाब प्रांत सबसे अधिक प्रभावित हुआ है। एनडीएमए ने प्रशासन से तैयार रहने कहा है। एनडीएमए ने कहा कि अरब सागर और बंगाल की खाड़ी से आने वाली तेज मानसूनी हवाओं के 22 अगस्त से प्रवेश करने की संभावना है।

    इस्लामाबाद, पंजाब, खैबर पख्तूनख्वा और गुलाम जम्मू कश्मीर में 27 अगस्त तक तेज हवाओं के साथ मूसलधार बारिश का अनुमान है। पंजाब के लाहौर, फैसलाबाद, मुल्तान और गुजरांवाला के शहरी इलाकों में बाढ़ की आशंका है, जबकि खैबर पख्तूनख्वा के स्वात, चित्राल, हजारा और अन्य उत्तरी पहाड़ी इलाकों में भूस्खलन हो सकता है।

    बढ़ जाएगा भूस्खलन का खतरा

    पंजाब में रावलपिंडी और आसपास के जिलों में भारी बारिश की संभावना है, जिससे पंजाब के दक्षिण-पश्चिमी क्षेत्रों में अचानक बाढ़ का खतरा है। खैबर पख्तूनख्वा के पेशावर, स्वात, चित्राल और हजारा संभाग में भारी बारिश होने की आशंका है, जिससे अचानक बाढ़ और भूस्खलन का खतरा बढ़ जाएगा। जलाशयों की पूर्ण क्षमता के करीब पहुंचने के कारण नदियों का जलस्तर तेजी से बढ़ सकता है।