पाकिस्तान में फिर नफरती हिंसा, अहमदी समुदाय के पूजा स्थलों में तोड़फोड़; 350 लोगों ने किया हमला
पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान (टीएलपी) के सदस्यों के नेतृत्व में 350 से अधिक लोगों की भीड़ ने फैसलाबाद में अहमदिया समुदाय के दो पूजा स्थलों पर हमला कर दिया। पुलिस ने हमलावरों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है जिनमें टीएलपी नेता भी शामिल हैं जिन पर लोगों को उकसाने का आरोप है।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में अहमदिया अल्पसंख्यक समुदाय के दो पूजा स्थलों पर 350 से अधिक लोगों की भीड़ ने हमला कर तहस-नहस कर दिया।
प्रतिबंधित तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान (टीएलपी) के सदस्यों के नेतृत्व में भीड़ ने गुरुवार को लाहौर से लगभग 130 किलोमीटर दूर फैसलाबाद के करतारपुर गांव के चक-275 में अहमदिया समुदाय के दो पूजा स्थलों को निशाना बनाया।
अहमदिया समुदाय पर आए दिन होते हैं हमले
दोनों पूजा स्थलों को तहस-नहस करने के बाद जब पुलिस वहां पहुंची, तो अहमदिया समुदाय के लोग अपनी जान बचाने के लिए भागे। पाकिस्तान में अहमदिया समुदाय पर आए दिन हमले होते रहते हैं।
पुलिस अधिकारी राशिद कमर ने कहा कि 350 संदिग्धों पर पाकिस्तान दंड संहिता की धारा 295, 436, 440, 380, 144 और 149 और आतंकवाद विरोधी अधिनियम के तहत दो अहमदिया पूजा स्थलों पर हमला करने, उन्हें नुकसान पहुंचाने और आग लगाने का मामला दर्ज किया गया है।
किसने उकसाया था?
एफआईआर के अनुसार, टीएलपी नेता हाफिज रफाकत, राणा जुल्फिकार, हाफिज आशिक, मुहम्मद उमैर अहमद रजा, कारी जहूर और कुछ अन्य लोगों ने गांव के लोगों को अहमदिया के दो पूजा स्थलों पर हमला करने के लिए उकसाया था।
एफआईआर में कहा गया है कि उन्होंने स्वतंत्रता दिवस रैली में शामिल लोगों को भी हमले में शामिल होने के लिए उकसाया। उन्होंने भड़काऊ भाषणों के जरिए अहमदियों के खिलाफ नफरत फैलाई और हिंसा का सहारा लिया।
1984 से पहले के थे धार्मिक स्थल
दोनों धार्मिक स्थल 1984 से पहले बने थे। हिंसक भीड़ ने लगभग दो घंटे तक उत्पात मचाया, जिसमें एक धार्मिक स्थल की मीनारों को गिराने के बाद उसमें आग लगा दी गई।
(समाचार एजेंसी PTI के इनुपट के साथ)
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