अफगानिस्तान से जाते वक्त अमेरिका छोड़ गया था हथियार, अब पाकिस्तान के खिलाफ इस्तेमाल कर रहा तालिबान
पाकिस्तान ने अमेरिका से अफगानिस्तान में छोड़े गए हथियार वापस लेने का आग्रह किया है क्योंकि वे आतंकवादियों के हाथों में जा रहे हैं और क्षेत्रीय सुरक्षा के लिए खतरा बन रहे हैं। प्रवक्ता अहमद शरीफ चौधरी ने कहा कि अमेरिकी हथियारों का अनियंत्रित प्रसार पाकिस्तान की स्थिरता के लिए सीधा खतरा है।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पाकिस्तान ने अमेरिका से कहा है कि वह अफगानिस्तान में छोड़े गए हथियार वापस ले। ये हथियार आतंकवादियों के हाथों में जा रहे हैं और क्षेत्रीय सुरक्षा के लिए खतरा बन रहे हैं। अफगानिस्तान से वापसी के दौरान बड़ी मात्रा में सैन्य हथियार वहीं छूट गए थे।
पाकिस्तानी सैन्य प्रवक्ता अहमद शरीफ चौधरी ने कहा कि अमेरिकी हथियारों का अनियंत्रित प्रसार पाकिस्तान की स्थिरता के लिए सीधा खतरा है। खामा प्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, पेंटागन द्वारा अनुमानित सात अरब डॉलर से अधिक मूल्य के अमेरिकी हथियारों के भंडार में बख्तरबंद वाहन, उन्नत आग्नेयास्त्र, बायोमीट्रिक सिस्टम और अन्य संवेदनशील उपकरण शामिल हैं।
पाकिस्तानी सेना के खिलाफ हो रहा इस्तेमाल
माना जाता है कि इनमें से कई हथियार पाकिस्तानी तालिबान द्वारा जब्त कर लिए गए और अब पाकिस्तान सेना के खिलाफ इस्तेमाल किए जा रहे हैं। खोस्त और पक्तिका जैसे अफगान के ब्लैक मार्केट में अमेरिका निर्मित हथियारों की कीमतें आसमान छू रही हैं। एक एम4 राइफल 4,200 डॉलर से अधिक में बिकती है, जबकि एक एम16 राइफल 1,400 डॉलर में बिकती है।
चीनी राइफलें कम दामों पर उपलब्ध हैं, लेकिन आतंकी अमेरिकी मॉडलों की विश्वसनीयता और गुणवत्ता को ज्यादा पसंद करते हैं। द वाशिंगटन पोस्ट का हवाला देते हुए कहा गया है कि नाटो द्वारा आपूर्ति किए गए 4,00,000 हथियार तालिबान के नियंत्रण में हो सकते हैं।
(न्यूज एजेंसी एएनआई के इनपुट के साथ)
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