Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    पाकिस्‍तान हिंदुओं पर कर रहा जुल्म, पत्रकारों और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं को दी जा रहीं यातानाएं; UNHRC ने दी ये सलाह

    Updated: Fri, 08 Nov 2024 06:40 PM (IST)

    पाकिस्‍तान में हिंदुओं के खिलाफ हिंसा के मामले बढ़ रहे हैं। संयुक्त राष्ट्र की समिति ने एक रिपोर्ट जारी कर पाकिस्‍तान में मानवाधिकारों के उल्‍लंघन पर गंभीर चिंता जताई है। समिति ने अपनी रिपोर्ट में पत्रकारों और मानवाधिकार रक्षकों के साथ हो रहे व्यवहार को भी उजागर किया। समिति ने सरकार से अपराधियों के खिलाफ तत्‍काल कदम उठाने की अपील भी की है।

    Hero Image
    पाकिस्तान में मानवाधिकार उल्लंघन पर यूएनएचआरसी ने जताई गंभीर चिंता।

    एएनआई, जिनेवा। संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार समिति (यूएनएचआरसी) की ओर से जारी एक रिपोर्ट में पाकिस्तान में मानवाधिकार की स्थिति को लेकर गंभीर चिंता जताई गई है। साथ ही कहा गया है कि भेदभाव, हिंसा और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर प्रतिबंधों को लेकर सुधारों की तुरंत जरूरत है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार समिति ने पाकिस्तान में हिंदुओं, ईसाइयों और अहमदियों सहित अन्य धार्मिक अल्पसंख्यकों को निशाना बनाए जाने, उनके साथ भेदभावपूर्ण व्यवहार करने और उनके खिलाफ घृणा अपराधों में वृद्धि को बेहद चिंताजनक बताया है। इसके साथ ही समिति ने पूजा स्थलों को निशाना बनाने के साथ ही भीड़ हिंसा और उत्पीड़न की बढ़ती घटनाओं के को लेकर भी चेताया गया है।

    जेलों में बढ़ रही कैदियों की संख्‍या

    संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार समिति ने कहा कि ईशनिंदा कानून के कारण जेल में कैदियों की संख्‍या बढ़ रही है। समिति ने कहा कि विशेष रूप से साइबर अपराध कानूनों के तहत ऑनलाइन ईशनिंदा के आरोपित युवाओं को निशाना बनाया गया।

    समिति ने अपराधियों पर कार्रवाई करने की अपील की

    संयुक्त राष्ट्र निकाय ने पाकिस्तान से धार्मिक अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा व भेदभाव के कृत्यों को रोकने और जांच करने का आग्रह किया। साथ ही इस तरह के कार्य करने वाले अपराधियों के खिलाफ तत्काल कदम उठाने की अपील की।

    समिति ने पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार मानकों का पालन करने के लिए ईशनिंदा कानूनों को निरस्त करने या फिर महत्वपूर्ण संशोधन करने की सलाह भी दी है।

    समिति ने लोगों को जबरन उठाने, गायब करने, उनको यातना देने, हत्या करने और डराने-धमकाने की रिपोर्टों का हवाला देते हुए पत्रकारों और मानवाधिकार रक्षकों के साथ  होने वाले व्यवहार पर भी चिंता व्यक्त की है। रिपोर्ट में इक्वाडोर, फ्रांस, ग्रीस, आइसलैंड और तुर्किये में मानवाधिकार का भी मूल्यांकन किया गया है।