'यूक्रेन युद्ध खत्म करने के लिए आभार', नोबेल शांति पुरस्कार के लिए ट्रंप के समर्थन में आया रूस
रूस ने यूक्रेन युद्ध को समाप्त करने के प्रयासों के लिए डोनल्ड ट्रंप को नोबेल शांति पुरस्कार देने का समर्थन किया है। रूसी अधिकारियों का मानना है कि ट्रंप ने पहले भी तनाव कम करने में योगदान दिया है और उनका नामांकन वैश्विक शांति के लिए सकारात्मक कदम होगा। रूस का यह समर्थन अंतर्राष्ट्रीय समुदाय में बहस का विषय बन गया है।

नोबेल शांति पुरस्कार के लिए ट्रंप के समर्थन में आया रूस ( फाइल फोटो- रॉयटर)
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। नोबेल शांति पुरस्कार विजेता की घोषणा आज यानी शुक्रवार को की जाएगी। नोबेल शांति पुरस्कार के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप पहले ही अपनी इच्छा जाहिर कर चुके हैं। हालांकि, कुछ अनुभवी लोगों को मानना है कि डोनाल्ड ट्रंप को नोबेल पुरस्कार मिलने की बहुत क संभावना है। इस बीच रूस ने रूसी सरकार ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को नोबेल शांति पुरस्कार के लिए समर्थन देने की घोषणा की है।
दरअसल, रूस का मानना है कि अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने यूक्रेन युद्ध को समाप्त करने में पहल की है। रूस, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की नोबेल शांति पुरस्कार की उम्मीदवारी का समर्थन करेगा।
ट्रंप की पहल सराहनीय
रूसी समचार एजेंसी TASS के मुताबिक, क्रेमलिन के टॉप सलाहकार यूरी उशाकोव ने बताया कि मॉस्को ट्रंप की उम्मीदवारी के पक्ष में है। उनका कहना है कि ट्रंप ने यूक्रेन युद्ध को समाप्त करने के लिए जो पहल की है, वह सराहनीय है और शांति बहाली की दिशा में महत्वपूर्ण योगदान मानी जा सकती है।
ट्रंप के प्रयासों का आभारी है रूस
यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की ने गुरुवार को कहा कि अगर ट्रंप युद्धविराम कराने में कामयाब हो जाते हैं, तो कीव उन्हें नोबेल पुरस्कार के लिए नामांकित करेगा, जिसके लिए ट्रंप खुले तौर पर लालायित हैं। इधर रूस का बार-बार कहना है कि वह यूक्रेन में युद्ध समाप्त करने के ट्रंप के प्रयासों के लिए आभारी है।
डोनल्ड ट्रंप कर रहे बड़ा दावा
गौरतलब है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप बड़े बड़े दावे कर रहे हैं। उनका कहना है कि उन्होंने अपने सात महीने के कार्यकाल के दौरान सात बड़े युद्ध को समझौते के जरिए रुकवाने में अहम भूमिका निभाई है। वहीं, गाजा में युद्ध विराम को लेकर पहले चरण के वार्ता को आठवां युद्ध समझौता बताया।
ट्रंप का दावा है कि उन्होंने इजराइल-ईरान, भारत और पाकिस्तान, कांगो और रवांडा, कंबोडिया-थाईलैंड, आर्मेनिया और अज़रबैजान, नील नदी पर बांध विवाद – मिस्र और इथियोपिया, सर्बिया-कोसोवो में युद्ध विराम के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
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