रूस ने पानी में उतारा प्रलयकारी ड्रोन से लैस परमाणु पनडुब्बी, मिटा सकता है एक पूरा देश
रूस ने हाल ही में 'पोसाईडन' परमाणु ड्रोन से लैस एक नई परमाणु पनडुब्बी 'खबरोस्क' का जलावतरण किया है, जिसे 'डूम्सडे मिसाइल' कहा जा रहा है। रक्षा मंत्री आंद्रेई बेलौसोव ने सेवमाश शिपयार्ड में इस पनडुब्बी का जलावतरण किया। यह पनडुब्बी आधुनिक हथियारों से लैस है और रूस को समुद्री सीमाओं की सुरक्षा में सक्षम बनाएगी। पोसाईडन ड्रोन का सफल परीक्षण भी किया गया, जिसे प्रलय मिसाइल बताया गया है।
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रूस ने पानी में उतारा प्रलयकारी ड्रोन से लैस परमाणु पनडुब्बी (फाइल फोटो)
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। अमेरिका से बढ़ती तनातनी के बीच रूस एक के बाद एक अपने विध्वंसक हथियारों का परीक्षण कर रहा है। परमाणु ऊर्जा से चलने वाली बुरेवेस्तनिक क्रूज मिसाइल और इसी इसी शक्ति से चलने वाला अंडरवाटर ड्रोन लांच करने के बाद अब रूस ने नई परमाणु पनडुब्बी का जलावतरण किया है।
यह पनडुब्बी'पोसाईडन' परमाणु ड्रोन से लैस है। पोसाईडन को 'डूम्सडे मिसाइल (प्रलयकारी मिसाइल)' कहा जा रहा है। रूस के रक्षा मंत्री आंद्रेई बेलौसोव ने सेवमाश शिपयार्ड में रूसी नौसेना प्रमुख एडमिरल अलेक्जेंडर मोइसेयेव की उपस्थिति में परमाणु पनडुब्बी खबरोस्क का जलावतरण किया।
बेलौसोव ने शनिवार देर रात टेलीविजन पर प्रसारित अपने संबोधन में कहा, परमाणु ऊर्जा से संचालित मिसाइल क्रूजर खबरोस्क का जलावतरण किया जा रहा है। गौरतलब है कि सेवमाश शिपयार्ड में इससे पहले भारत के लिए विमानवाहक पोत आइएनएस विक्रमादित्य का नवीनीकरण किया गया था।
खबरोस्क की खूबियां
- खबरोस्क पनडुब्बी को रुबिन, सेंट्रल डिजाइन ब्यूरो आफ मरीन इंजीनियरिंग ने किया है डिजाइन
- विभिन्न उद्देश्यों के लिए नौसेना के मिशनों को पूरा करने में सक्षम है आधुनिक हथियारों और रोबोटिक उपकरणों से लैस यह पनडुब्बी
- रूस को अपनी समुद्री सीमाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने और दुनिया के महासागरों में राष्ट्रीय हितों की रक्षा करने में सक्षम बनाएगी यह पनडुब्बी
रूस ने पिछले सप्ताह किया था पोसाईडन का परीक्षण
- रूस ने पिछले सप्ताह परमाणु ऊर्जा से संचालित पोसाईडन अंडरवाटर ड्रोन का परीक्षण किया था।
- कोमर्सेंट अखबार के मुताबिक पोसाईडन पनडुब्बियों और आधुनिक तारपीडो की गति से परे जाकर काम करने में सक्षम है।
- यह पानी के भीतर 10 हजार किलोमीटर की दूरी तय कर दुश्मनों के युद्धपोतों और पनडुब्बियों के लिए काल बनेगा। इसे ट्रैक कर पाना लगभग असंभव है।
- परमाणु ऊर्जा से चलने के कारण इसकी गति और दूरी तय करने की क्षमता परंपरागत तारपीडो और ड्रोन से अधिक होगी।
- रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने पोसाईडन के सफल परीक्षण की घोषणा की।
- इसे समुद्र के भीतर एक पनडुब्बी से छोड़ा गया था और इसने निर्धारित समय और दूरी पर टारगेट को हिट किया।
- इसका परमाणु ऊर्जा संयंत्र किसी सामरिक पनडुब्बी के रिएक्टर से 100 गुना छोटा है।
- रूसी सुरक्षा परिषद के उपाध्यक्ष दिमित्री मेदवेदेव ने इस ड्रोन को प्रलय मिसाइल बताया।

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