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    ब्रिटेन की सुरक्षा के लिए हर रोज खतरा पैदा कर रहा चीन, एमआइ-5 के डायरेक्टर का दावा

    Updated: Thu, 16 Oct 2025 11:30 PM (IST)

    ब्रिटेन की एमआइ5 सुरक्षा सेवा के प्रमुख ने कहा है कि चीन राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा है। उन्होंने चीनी जासूसी मामले की जांच विफल होने पर निराशा जताई। क्राउन प्रासिक्यूशन सर्विस ने दो ब्रिटिश नागरिकों पर लगे जासूसी के आरोप हटा दिए, जिससे विवाद उत्पन्न हो गया। नार्वे में, अमेरिकी दूतावास के एक पूर्व सुरक्षा गार्ड को रूस के लिए जासूसी करने का दोषी पाया गया है।

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    एमआइ-5 के महानिदेशक केन मैक्कलम (रॉयटर्स)

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। ब्रिटेन की एमआइ5 सुरक्षा सेवा के प्रमुख ने गुरुवार को कहा कि चीन राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए रोजाना खतरा पैदा कर रहा है। एमआइ-5 के महानिदेशक केन मैक्कलम ने कहा कि वह चीन के जासूसी मामले की जांच के विफल होने से बेहद निराश हैं। यह पूछे जाने पर कि क्या चीन ब्रिटिश राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा है, उन्होंने कहा, ''निश्चित रूप से, हां, वे हर दिन ऐसा करते हैं।''

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    उनका बयान उस कदम के बाद आया है, जिसमें ब्रिटेन की क्राउन प्रासिक्यूशन सर्विस (सीपीएस) ने पिछले महीने दो ब्रिटिश व्यक्तियों, पूर्व संसदीय शोधकर्ता क्रिस्टोफर कैश और शिक्षाविद् क्रिस्टोफर बेरी के खिलाफ अप्रत्याशित रूप से आरोप हटा दिए। दोनों पर 2021 और 2023 के बीच बीजिंग के लिए जासूसी करने का आरोप था।

    उन्होंने चीनी सरकार को राजनीतिक रूप से संवेदनशील जानकारी देने से इन्कार किया था। वहीं, बीजिंग ने कहा था कि मामला पूरी तरह से मनगढ़ंत है। सीपीएस ने कहा कि मामले को इसलिए छोड़ दिया गया, क्योंकि इसमें ऐसे सुबूतों की जरूरत थी जो दर्शाते हों कि ब्रिटेन चीन को राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा मानता है, लेकिन सरकार ने महीनों के अनुरोध के बाद भी ये सुबूत उपलब्ध नहीं कराए।

    विरोधियों का कहना है कि यह फैसला इसलिए लिया गया, क्योंकि प्रधानमंत्री कीएर स्टार्मर बीजिंग को खुश करना चाहते थे।

    अमेरिकी दूतावास का पूर्व सुरक्षा गार्ड रूस के लिए जासूसी करने का दोषी पाया गया

    एपी के अनुसार, नार्वे स्थित अमेरिकी दूतावास के एक पूर्व सुरक्षा गार्ड को बुधवार को जासूसी का दोषी ठहराया गया। ओस्लो की एक अदालत ने पाया कि उसने रूस और ईरान के लिए जासूसी की थी। 28 वर्षीय नार्वेजियन व्यक्ति का नाम सार्वजनिक नहीं किया गया है। उसे तीन साल सात महीने की जेल की सजा सुनाई गई है। उसने अभियोग के तथ्यों को स्वीकार किया, लेकिन किसी भी आपराधिक अपराध से इन्कार किया।

    (समाचार एजेंसी रॉयटर्स के इनपुट के साथ)

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