यूरोप जाने वालों के लिए जरूरी खबर, एंट्री से पहले इस प्रोसेस को करना होगा पूरा; क्या है वजह?
भारतीयों और अन्य देशों के नागरिकों को यूरोप यात्रा के लिए नई प्रवेश पंजीकरण व्यवस्था से गुजरना होगा। यूरोपीय संघ के एंट्री एक्जिट सिस्टम (ईईएस) के तहत, गैर-यूरोपीय संघ के नागरिकों को सीमा पर पासपोर्ट स्कैन कराकर, उंगलियों के निशान देकर और फोटो खिंचवाकर पंजीकरण कराना होगा। 12 साल से कम उम्र के बच्चों के फिंगरप्रिंट नहीं लिए जाएंगे, लेकिन तस्वीरें ली जाएंगी। इसका उद्देश्य सीमा नियंत्रण को आधुनिक बनाना और धोखाधड़ी को कम करना है।

12 साल से कम उम्र के बच्चों के फिंगरप्रिंट नहीं लिए जाएंगे (फोटो: जागरण)
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारतीय सहित अन्य देशों के लोगों को यूरोप की यात्रा के लिए नए प्रवेश पंजीकरण व्यवस्था से गुजरना होगा। यह रविवार से लागू हो गई है।
यूरोपीय संघ की एंट्री एक्जिट सिस्टम (ईईएस) के अनुसार, गैर-यूरोपीय संघ के नागरिकों को यूरोपीय संघ के किसी भी देश में प्रवेश करते समय सीमा पर अपना पासपोर्ट स्कैन कराकर पंजीकरण कराना होता है, उंगलियों के निशान देने होते हैं और फोटोग्राफ खिंचवानी होती है।
सभी का बनेगा डिजिटल रिकॉर्ड
नए नियम के तहत 12 साल से कम उम्र के बच्चों के फिंगरप्रिंट नहीं लिए जाएंगे। हालांकि, सभी यात्रियों, जिनमें शिशु भी शामिल हैं, की तस्वीरें ली जाएंगी और उनका डिजिटल रिकॉर्ड बनाया जाएगा।
आइसलैंड, लिकटेंस्टीन, नार्वे और स्विटजरलैंड सहित शेंगेन क्षेत्र के देशों में प्रवेश करते समय ईईएस अनिवार्य होगा, आयरलैंड और साइप्रस को इससे छूट दी गई है। डोवर बंदरगाह, फोकस्टोन में यूरोटनल या लंदन में सेंट पैनक्रास इंटरनेशनल में यूरोस्टार का उपयोग करने वाले यात्रियों के लिए प्रक्रिया ब्रिटेन छोड़ने से पहले सीमा पर ही पूरी हो जाएगी।
यूरोपीय संघ का कहना है कि ईईएस का उद्देश्य सीमा नियंत्रण को आधुनिक और मजबूत बनाने, सभी गैर-यूरोपीय संघ नागरिकों के लिए पासपोर्ट पर मुहर लगाने की प्रक्रिया को बदलने और वीजा नियमों के अनुपालन पर नजर रखना है। यह पहचान संबंधी धोखाधड़ी को भी काफी हद तक कम करने में मदद करेगा।
(न्यूज एजेंसी पीटीआई के इनपुट के साथ)
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।