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    'पीएम मोदी मेरे अच्छे मित्र, लेकिन...', रूसी तेल और पाकिस्तानी खेल के बीच कैसे अपना बचाव रह रहे ट्रंप?

    Updated: Thu, 18 Sep 2025 11:34 PM (IST)

    अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रूस से तेल खरीदने वाले यूरोपीय देशों पर सख्त फैसले लेने का दबाव डाला। उन्होंने भारत का उदाहरण देते हुए कहा कि रूस से तेल खरीदने के कारण भारत पर टैरिफ लगाना पड़ा। ट्रंप ने कहा कि तेल खरीद बंद होने से कीमतें गिरेंगी और यूक्रेन युद्ध को रोकने में मदद मिलेगी।

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    डोनाल्ड ट्रंप ने फिर की पीएम मोदी की तारीफ। (फाइल फोटो)

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रूस से तेल खरीदने वाले यूरोपीय देशों को सख्त फैसले लेने को कहा। इंग्लैंड दौरे पर ट्रंप ने पीएम कीएर स्टार्मर के साथ एक प्रेस कान्फ्रेंस में भारत का उदाहरण दिया। ट्रंप ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी मेरे अच्छे मित्र हैं, मैंने उनको फोन पर जन्मदिन की बधाई दी, हमने बातचीत की। हमारे बीच अच्छे व्यक्तिगत संबंध भी हैं। वह बहुत शानदार काम कर रहे हैं।

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    उन्होंने आगे कहा कि लेकिन इन सबके बावजूद रूस से तेल खरीदने की वजह से हमें भारत पर टैरिफ लगाना पड़ा। हिसाब बिल्कुल सीधा है। तेल खरीद बंद होगी तो तेल की कीमतें गिरेंगी और पुतिन को यूक्रेन युद्ध से हतोत्साहित किया जा सकेगा। उनको युद्ध से हाथ खींचने पड़ेंगे। पुतिन के पास तब कोई विकल्प नहीं बचेगा। पुतिन ने मुझे निराश किया है।

    'भारी टैरिफ लगाने जैसे सख्त कदम उठाने चाहिए'

    ट्रंप ने कहा कि हमने देखा कि यूरोपीय देश भी रूस से तेल ही नहीं गैस भी खरीद रहे हैं। यूरोप भी मेरा मित्र है, लेकिन मैं नहीं चाहता कि वे रूस से कुछ भी खरीदें। वे जो प्रतिबंध रूस पर लगा रहे हैं, वो नाकाफी हैं। आपको भी हमारी ही तरह भारी टैरिफ लगाने जैसे सख्त फैसले लेने चाहिए। चीन भी रूस से तेल खरीद रहा था। देखिए, हमने चीन पर बड़ा टैरिफ लगाया।

    उन्होंने कहा कि वह यूक्रेन युद्ध रोकने के लिए कुछ और उपाय भी करने के लिए तैयार हैं, लेकिन तभी जब यूरोपीय देश भी साथ दें। अमेरिका का इसमें सीधा हित नहीं जुड़ा है, बल्कि आप लोग (यूके) इससे सीधे-सीधे जुड़े हुए हैं।

    भारत-पाकिस्तान संघर्ष पर क्या बोले ट्रंप?

    इसी क्रम में ट्रंप ने कहा कि उन्होंने भारत-पाकिस्तान के बीच संघर्ष को मिलाकर कुल सात युद्ध खत्म कराए हैं। हालांकि, भारत ने लगातार ट्रंप के दावे का खंडन किया है।

    अमेरिका-इंग्लैंड के बीच हुई कई समझौते

    अमेरिका- इंग्लैंड के बीच अहम समझौते न्यूयार्क टाइम्स के मुताबिक अमेरिका और इंग्लैंड के बीच अहम समझौते हुए। दोनों देशों के बीच तकनीक साझेदारी का अहम समझौता हुआ, को लेकर निवेश और परमाणु ऊर्जा समेत कई समझौतों पर हस्ताक्षर हुए।

    दोनों देशों के बीच तकनीक साझेदारी बढ़ाने का समझौता हुआ, जिसमें एआई और अन्य हाईटेक इनोवेशन का नेतृत्व करेंगे। यूके में माइक्रोसॉफ्ट, ओपनएआई और ब्लैकस्टोन जैसी कंपनियां करीब 200 अरब डालर का निवेश करेंगी। ब्रिटेन में परमाणु रिएक्टर की संख्या बढ़ाने पर भी अमेरिका काम करेगा।

    अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की भी सीमा: स्टार्मर

    रॉयटर के मुताबिक ट्रंप के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस में पीएम स्टार्मर ने दिवंगत यौन अपराधी जेफ्री एपस्टीन का जिक्र किए बगैर इंटरनेट मीडिया कंपनियों से बाल यौन शोषण और आत्महत्या जैसी सामग्री अपने प्लेटफार्म से हटाने को कहा।

    उन्होंने नए ऑनलाइन सेफ्टी कानून का उल्लेख करते हुए बताया कि ब्रिटेन अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की कड़ी सुरक्षा करता है, लेकिन जब बच्चों और कमजोर वर्ग को इसके जरिये नुकसान पहुंचाया जाता है तो सीमा पार हो जाती है। इस कानून के तहत इंटनेट मीडिया प्लेटफार्म पर ऐसी सामग्री पाए जाने पर आपराधिक केस चलाया जाएगा।

    ट्रंप-स्टार्मर के बीच असहमति भी दिखी

    एएनआई के मुताबिक प्रेस कान्फ्रेंस में इजरायल-गाजा संघर्ष पर ट्रंप और स्टार्मर के बीच असहमति और तल्खी भी उभरकर सामने आई। ट्रंप ने मीडिया से कहा कि इस मुद्दे पर उनकी स्टार्मर के साथ असहमति है, जिन्होंने चेतावनी दी है कि अगर इजरायल ने युद्धविराम न किया तो ब्रिटेन फलस्तीन को एक देश के रूप में मान्यता दे देगा। ट्रंप ने कहा कि मेरा मानना है कि सभी बंधक छोड़े जाने चाहिए।

    (न्यूज एजेंसी पीटीआई के इनपुट के साथ)

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