जागरण संपादकीय : प्रधानमंत्री के संकल्प , 2047 तक विकसित भारत का लक्ष्य
यह अच्छा हुआ कि प्रधानमंत्री ने जीएसटी में आमूलचूल परिवर्तन लाने की घोषणा की। ये परिवर्तन दीवाली के उपहार के रूप में देश को मिलेंगे। यह भी आवश्यक था कि प्रधानमंत्री देश की रक्षा-सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दें क्योंकि पाकिस्तान के शत्रुतापूर्ण रवैये में कोई कमी नहीं आ रही और ट्रंप उसके खतरनाक इरादों की पूर्ति में सहायक से बनते दिख रहे हैं।
स्वतंत्रता दिवस पर प्रधानमंत्री की ओर से लाल किले की प्राचीर से दिए गए लंबे संबोधन की चर्चा और व्याख्या होना स्वाभाविक ही है। ऐसा होना भी चाहिए, क्योंकि प्रधानमंत्री ने अपने इस संबोधन में कुछ ऐसी बातें और घोषणाएं की हैं जो आवश्यक तो थीं, लेकिन उनकी अधिक अपेक्षा नहीं की। उनके संबोधन से यह स्पष्ट हुआ कि भारत संकटकाल में ही अपनी क्षमता को पहचानता है।
अच्छा हो कि सामान्य दिनों में भी भारत अपनी क्षमता के हिसाब से फैसले लेना और कार्य करना सीखे। कम से कम अब तो ऐसा होना बहुत आवश्यक है, क्योंकि एक ओर जहां घरेलू और बाहरी मोर्चे पर चुनौतियां बढ़ रही हैं, वहीं दूसरी ओर प्रधानमंत्री मोदी ने 2047 तक भारत को विकसित बनाने का लक्ष्य तय कर रखा है और इस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए उनकी सरकार की ओर से अनेक कदम भी उठाए गए हैं। कुछ ऐसे ही कदमों की घोषणा उन्होंने लाल किले से भी की। उनकी ओर से की गईं घोषणाओं की एक लंबी सूची है। इनमें अनेक बेहद महत्वपूर्ण हैं।
इन महत्वपूर्ण घोषणाओं का सार यही है कि भारत आत्मनिर्भर बनने की राह पर तेजी से आगे बढ़ने की तैयारी कर रहा है। यह तैयारी समय की मांग भी है, क्योंकि भारत के कथित मित्र राष्ट्र अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप ने भारत विरोधी रवैया अपना रखा है। एक तरह से उन्होंने भारत के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है और उस पाकिस्तान की प्रशंसा के पुल बांधने में लगे हुए हैं, जिसके बारे में अपने पहले कार्यकाल में स्वयं उन्होंने कहा था कि वह धोखेबाज और आतंकियों को पनाह देने वाला है। आखिर अब क्या हो गया?
स्पष्ट है कि वे अमेरिका से अधिक अपने निजी स्वार्थों को तरजीह दे रहे हैं। इन स्थितियों में भारत के लिए यह आवश्यक ही नहीं, अनिवार्य भी है कि वह अंदरूनी और बाहरी चुनौतियों का डटकर सामना करे। इसके लिए आर्थिक सुधार भी आवश्यक हैं और देश की रक्षा-सुरक्षा के सघन उपाय भी।
यह अच्छा हुआ कि प्रधानमंत्री ने जीएसटी में आमूलचूल परिवर्तन लाने की घोषणा की। ये परिवर्तन दीवाली के उपहार के रूप में देश को मिलेंगे। यह भी आवश्यक था कि प्रधानमंत्री देश की रक्षा-सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दें, क्योंकि पाकिस्तान के शत्रुतापूर्ण रवैये में कोई कमी नहीं आ रही और ट्रंप उसके खतरनाक इरादों की पूर्ति में सहायक से बनते दिख रहे हैं। यह जितना भारत के लिए चिंताजनक है, उतना ही अमेरिका जैसे राष्ट्र के लिए लज्जाजनक।
ट्रंप शायद ही अपने रवैये में सुधार करें, लेकिन भारत के राजनीतिक एवं प्रशासनिक वर्ग और उद्योग जगत के साथ ही आम जनता को आत्मनिर्भर भारत के निर्माण के लिए प्रतिबद्ध हो जाना चाहिए। यह ठीक नहीं कि कई विपक्षी दलों के सुर नकारात्मकता से भरे हुए हैं।
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