ट्रंप के चुने अनेक मंत्री कंपनियों के एक्जीक्यूटिव, जानिए क्या होगा विश्व और भारत-अमेरिका संबंधों पर ट्रंप का असर
ट्रंप ने भी जो नाम घोषित किए हैं उनमें अनेक का कॉरपोरेट कनेक्शन है। उन्होंने स्कॉट बेसेंट को वित्त मंत्री के लिए चुना है उनकी अपनी हेज फंड कंपनी भी है। ट्रंप ने पिछले कार्यकाल में दामाद जेरेड कुशनर को अपना वरिष्ठ सलाहकार नियुक्त किया था। उस समय कुशनर ने बहुत सारी ऐसी डील कीं जिनका फायदा उन्हें सरकार से बाहर आने के बाद मिला।
एस.के. सिंह, नई दिल्ली। अमेरिका दुनिया का शायद एकमात्र देश है जहां सीनेट (ऊपरी सदन) या प्रतिनिधि सभा (निचले सदन) के सदस्य मंत्री नहीं बन सकते। वहां 15 कैबिनेट मंत्री होते हैं और इन पदों के लिए राष्ट्रपति लोगों को चुनते हैं। अगर राष्ट्रपति किसी सांसद को मंत्री बनाना चाहे तो उसे पहले संसद की सदस्यता छोड़नी पड़ेगी। कांग्रेस यानी संसद स्वतंत्र रूप से राष्ट्रपति और उनकी मंत्रिपरिषद के कामकाज की समीक्षा कर सके, इसलिए संविधान में ऐसी व्यवस्था की गई है। राष्ट्रपति को क्षेत्र विशेष के विशेषज्ञों को मंत्री चुनना होता है, लेकिन इस संवैधानिक व्यवस्था के कारण वहां रिवॉल्विंग डोर सिस्टम डेवलप हो गया है। कॉरपोरेट जगत से लोग प्रशासन में आते हैं और प्रशासन से हटने के बाद कॉरपोरेट जगत में लौट जाते हैं। हितों के इस टकराव का असर नीतियों पर पड़ता है।