प्राइम टीम, नई दिल्ली। मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल के पहले बजट के केंद्र में रोजगार और विकास है। इसमें ज्यादा रोजगार देने वाली मैन्युफैक्चरिंग पर जोर है तो रोजगार से जुड़े तीन इन्सेंटिव भी हैं। संगठित क्षेत्र में भी रोजगार बढ़ाने की कोशिश की गई है। छोटे उद्योगों के लिए घोषित बड़े कदमों से भी रोजगार सृजन में मदद मिलेगी। इन उपायों से हर साल लगभग 80 लाख रोजगार पैदा होने का अनुमान है।

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